समान नागरिक संहिता: विधि आयोग ने समान अचार संहिता पर मांगे जनता और मान्यता प्राप्त धार्मिक संगठनों के सुझाव
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- June 14, 2023
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भारत के विधि आयोग ने बुधवार को समान नागरिक संहिता के बारे में जनता, मान्यता प्राप्त धार्मिक संगठनों और अन्य हितधारकों से विचार और सुझाव मांगे हैं।
आयोग ने इस संबंध में अपनी आधिकारिक वेबसाइट पर एक नोटिस जारी किया है।
22वें विधि आयोग ने नोटिस जारी कर सभी हितधारकों से 30 दिन की समय सीमा के भीतर समान नागरिक संहिता के संबंध में विचारों और सुझावों को नोटिस में दिए गए लिंक अथवा आयोग के सचिव सदस्य को (membersecretary-lci@gov.in) ईमेल के माध्यम से भेजने को कहा है।
आयोग की ओर से जारी 14 जून के नोटिस में कहा गया है कि “प्रारंभ में भारत के 21वें विधि आयोग ने समान नागरिक संहिता के विषय की जांच की थी और 7 अक्तूबर 2016 को एक प्रश्नावली के साथ अपनी अपील के माध्यम से और फिर 19 मार्च 2018, 27 मार्च 2018 और १० अप्रैल 2018 को सार्वजनिक/नोटिस के माध्यम से सभी हितधारकों के विचार मांगे थे। जिसके बाद आयोग को जबरदस्त प्रतिक्रियाएँ प्राप्त हुई हैं। 21वें विधि आयोग ने 31 अगस्त 2018 को “पारिवारिक कानून में सुधार” पर परामर्श पत्र जारी किया था। चूंकि उक्त परामर्श पत्र को जारी करने की तारीख से तीन वर्ष से अधिक समय बीत चुका है, विषय की प्रासंगिकता और महत्व को ध्यान में रखते हुए और इस विषय पर विभिन्न न्यायालय के आदेशों को भी ध्यान में रखते हुए भारत के 22वें विधि आयोग ने इस विषय पर नए सिरे से विचार-विमर्श करना उचित समझा है।”
ग़ौरतलब है कि विधि आयोग हाल ही में राजद्रोह के उपयोग से संबंधित अपनी रिपोर्ट सरकार को प्रस्तुत कर चुका है जिसके बाद अनुमान लगाया जा रहा था कि आयोग अब समान अचार संहिता पर भी जल्द ही अपनी रिपोर्ट केंद्र सरकार को प्रस्तुत करेगा।
आयोग का नोटिस यहाँ पढ़ें –